केनरा मूल बचत बैंक जमा खाता
चतुर्थ। सेवाओं के खाते में उपलब्ध जमा और बैंक शाखा के रूप में अच्छी तरह से एटीएम में नकदी की वापसी शामिल हैं ; इलेक्ट्रॉनिक भुगतान चैनलों के माध्यम से या केन्द्रीय / राज्य सरकार की एजेंसियों और विभागों द्वारा जारी चेक की जमा / संग्रह के माध्यम से धन की प्राप्ति / क्रेडिट।
वी। जबकि वहाँ जमा है कि एक महीने में बनाया जा सकता है की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं होगी , खाता धारकों को एक महीने में चार निकासी , एटीएम निकासी सहित की एक अधिकतम अनुमति न्यूनतम जमा और निकासी दी जाएगी।
उपरोक्त सुविधाओं के किसी भी आरोप के बिना प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा , कोई शुल्क निष्क्रिय "बुनियादी बचत बैंक जमा खाता" के गैर आपरेशन / सक्रियण के लिए लगाया जाएगा।
पास बुक , इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग , दूसरे के लिए एक शाखा से खाते के अंतरण , स्थायी निर्देश , आदि
• वापसी आदेश फार्म के माध्यम से अनुमति दी है , जाँच और एटीएम सह डेबिट कार्ड
• अधिकतम 4 प्रभार से मुक्त करने के एटीएम के माध्यम से चित्र सहित प्रति माह निकासी। वापसी के प्रति - प्रति माह 4 से अधिक निकासी 5 रु / से अधिक नहीं दर पर सेवा शुल्क लगाया जाएगा।
• एक खाते में "नकदी में" वापस ले लिया न्यूनतम राशि है कि जमा किया जा सकता न्यूनतम जमा और निकासी है / के रूप में समय-समय पर बैंक द्वारा निर्धारित है। वर्तमान में न्यूनतम जमा या निकासी "नकदी में" 10 / - है। ( वर्तमान में) - एटीएम के माध्यम से वापसी के मामले में न्यूनतम राशि 100 / है
अन्य नियम एवं शर्तें
50,000 / से अधिक नहीं संतुलन - एक साल में और कुल ऋण में 1.00 लाख से अधिक नहीं। इस सीमा से अधिक है , आगे कोई लेन-देन को पूरा केवाईसी प्रक्रिया के पूरा होने तक की अनुमति दी जाएगी।
SBI में बदल गए हैं न्यूनतम बैलेंस के नियम, जानते हैं आप?
SBI के सर्कुलर के अनुसार 1 अक्टूबर 2019 के बाद आप एक महीने में अपने खाते में केवल तीन बार ही रुपये मुफ्त में जमा कर पाएंगे.
अगर आप भी एसबीआई के ग्राहक हैं और अपने अपने सेंविंग अकाउंट में 25,000 रुपये का बैलेंस मेंटेन करते हैं तो अब तक आप महीने में अधिकतम 40 ट्रांजेक्शन ही कर सकते हैं.
अब हम आपको बताते हैं कि स्टेट बैंक में अगले महीने से क्या-क्या बदलाव होने वाले हैं?
औसत मासिक बैलेंस
एसबीआई ने अपनी शाखा को तीन कैटेगरी में बांटा है. इनमें मेट्रो-अर्बन, सेमी अर्बन और ग्रामीण इलाके शामिल हैं.
एसबीआई ने शहरों में मौजूद शाखा के ग्राहकों के लिए औसत मासिक बैलेंस (एएमबी) 5,000 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दिया है, बैंक के संशोधित नियमों के अनुसार, अगर कोई ग्राहक अपने खाते में 3,000 रुपये का बैलेंस मेंटेन नहीं करता और अगर यह 50% से कम (1,500 रुपये) हो जाता है तो उसे शुल्क के रूप में 10 रुपये और जीएसटी देना पड़ेगा.
अगर आपके खाते में बैलेंस 75% से कम हो जाता है तो आपको शुल्क के रूप में 15 रुपये और जीएसटी देना पडे़गा.
इसी तरह सेमी अर्बन शाखा में एसबीआई के खाताधारक को न्यूनतम 2,000 रुपये रखना जरूरी है, जबकि ग्रामीण इलाके की शाखा के ग्राहकों के खातों में 1,000 रुपये एएमबी के रूप में रहना जरूरी है.
बैंक की शाखा से नकद निकासी
अगर आप अपने बैंक खाते में 25,000 रुपये का औसत मासिक बैलेंस रखते हैं तो आप बैंक शाखा से दो बार मुफ्त में पैसे निकाल सकते हैं. बैंक खाते में 25,000 रुपये से अधिक और 50,000 रुपये तक का औसत मासिक बैलेंस रखने वाले शाखा से मुफ्त में 10 बार पैसे निकाल सकते हैं.
बैंक खाते में 50,000 रुपये से अधिक और 1 लाख रुपये तक रखने वाले ग्राहक बैंक शाखा से असीमित संख्या में पैसे निकाल सकते हैं. नॉन-होम ब्रांच से एक ग्राहक के रूप में आप 50,000 रुपये तक निकाल सकते हैं. अगर कैश निकासी की सीमा फ्री लिमिट को पार कर जाती है तो बैंक इस पर कुछ चार्ज वसूलता है.
एसबीआई के बचत खाते में औसत मासिक बैलेंस अगर 25,000 रुपये है तो आप 2 बार शाखा से फ्री नकदी निकासी कर सकते हैं. इसी तरह 25,000 - 50,000 रुपये तक के बैलेंस पर इस तरह के 10 ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. अगर आप फ्री लिमिट से अधिक ट्रांजेक्शन करते हैं तो शुल्क के रूप में बैंक आपसे 50 रुपये+जीएसटी का चार्ज हर ट्रांजेक्शन के लिए लेगा.
इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग के जरिये एसबीआई ग्राहक असीमित संख्या में ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
चेक बुक में भी बदलाव
एसबीआई ने चेक बुक में पन्ने घटा दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ चेक बाउंस होने पर शुल्क बढ़ा दिया है. नए नियम एक अक्टूबर 2019 से पूरे देश में लागू होंगे.
बैंक ने सर्विस चार्ज को लेकर नई सूची जारी की है उसके मुताबिक, अब बचत खाते पर एक वित्त वर्ष में 25 की जगह केवल 10 चेक ही मुफ्त देगा. इसके बाद 10 चेक लेने पर 40 रुपये देने होंगे.
बैंक शाखा में नकद जमा
एसबीआई सबसे बड़ा बदलाव बैंक खाते में रुपया जमा करने के नियम को लेकर करने जा रहा है. बैंक के सर्कुलर के अनुसार एक अक्टूबर 2019 के बाद आप एक महीने में अपने खाते में केवल तीन बार ही मुफ्त में पैसे जमा कर पाएंगे. यदि इससे ज्यादा बार पैसे जमा करते हैं तो प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 50 रुपये+जीएसटी चार्ज देना होगा.
बैंक सर्विस चार्ज पर 12 फीसदी जीएसटी वसूलता है. इस प्रकार जब आप SBI की शाखा में चौथी, पांचवीं या ज्यादा बार पैसे जमा करेंगे तो आपको हर बार 56 रुपये ज्यादा देने होंगे.
NEFT/RTGS के बदले नियम
SBI ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के शुल्क में भी परिवर्तन किया है. यह डिजिटल पेमेंट का मुफ्त माध्यम है और इसकी फीस ब्रांच पर लगाई जाती है. 10,000 रुपये तक का एनईएफटी लेन-देन करने पर आपको दो रुपये प्लस जीएसटी के रूप में शुल्क लगेगा.
अगर आप दो लाख रुपये से अधिक की रकम NEFT करते हैं तो आपको 20 रुपये+जीएसटी चुकाना होगा. RTGS से 2-5 लाख तक रुपये को भेजने पर आपको 20 रुपये+जीएसटी देना होगा. 5 लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन पर 40 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज लगेगा.
एटीएम ट्रांजेक्शन के भी नए नियम
1 अक्टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदल जायेंगे. अब स्टेट बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में अधिकतम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्शन की है. वहीं अन्य जगहों के एटीएम से अधिकतम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा.
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.
डाकघर सेविंग अकाउंट पर चेक बुक, ATM कार्ड और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा मिलेगी या नहीं? जानें
जैसे कोई भी बैंक सेविंग अकाउंट खुलता है वैसे ही डाकघर में भी सेविंग अकाउंट खोला जाता है। डाकघर के सेविंग अकाउंट में कई सुविधाएं भी ऑफर की जाती है जो आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों को ऑफर करते हैं। इनमें एटीएम कार्ड और मोबाइल बैंकिंग भी शामिल है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आमतौर पर ज्यादातर लोग बैंक में सेविंग अकाउंट (Bank Account) खोलते हैं। लेकिन, आपको बता दें कि बैंक के अलावा डाकघर में भी बचत खाता (Post Office Savings Account) खोलने की सुविधा होती है। आप डाकघर में भी बचत खाता खोल सकते हैं। यह बचत खाता, बैंक में खोले गए अकाउंट से बहुत ज्यादा अलग नहीं होता। डाकघर के बचत खाते में आपको तमाम वह सुविधाएं मिल जाती हैं, जो आमतौर पर बैंक सेविंग अकाउंट पर ऑफर करते हैं। तो चलिए, एक-एक कर डाकघर बचत खाते के साथ मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानते हैं। शुरुआत खाते पर मिलने वाली ब्याज दर से करते हैं।
डाकघर सेविंग अकाउंट पर ब्याज
किसी भी बैंक की तरह बचत खाते पर डाकघर भी ब्याज ऑफर करता है। भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, डाकघर बचत खाते पर 4.0 फीसदी की वार्षिक ब्याज दर मिलती है।
कौन खोल सकता है खाता?
- एकल वयस्क
- दो वयस्क (संयुक्त रूप से)
- नाबालिग की ओर से अभिभावक
- मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की ओर से अभिभावक
- अपने नाम पर 10 साल से ऊपर का नाबालिग
चेक बुक, ATM कार्ड और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा मिलेगी?
जी हां, डाकघर सेविंग अकाउंट के साथ चेक बुक, ATM कार्ड और मोबाइल बैंकिंग की सुविधाएं दी जाती हैं। इसके लिए, संबंधित फोर्म को उस डाकघर में जमा करना होगा, जहां आपने सेविंग अकाउंट खुलवाया है।
जमा और निकासी
न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये है यानी कम से कम 500 रुपये के साथ खाता खोला जा सकता है। इसके बाद में 10 रुपये से कम जमा नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इसे न्यूनतम 50 रुपये की निकासी की जा सकेगी।
भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ऐसी किसी भी प्रकार की निकासी की अनुमति नहीं होगी, जो 500 रुपये की न्यूनतम शेष राशि को कम करे यानी खाते में न्यूनतम 500 रुपये रखने अनिवार्य हैं।
आपका पैसा : नए साल से बदले लेनदेन के सात नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा इनका सीधा असर
1 जनवरी से जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप से खाना मंगवाने पर कंपनियों को 5 फीसदी जीएसटी भुगतान करना होगा। यह टैक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि एप कंपनियों से वसूला जाएगा, लेकिन इसका न्यूनतम जमा और निकासी अप्रत्यक्ष बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा।
नए साल से वित्तीय लेनदेन के आठ नियमों में बदलाव हो रहा है। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। 1 जनवरी, 2022 से एटीएम और डाकघर से पैसे निकालना महंगा हो जाएगा तो कारों के दाम भी बढ़ेंगे।
एटीएम से निकासी महंगी
1 जनवरी से निशुल्क एटीएम लेनदेन की सीमा खत्म होने पर किए जाने वाले हर ट्रांजेक्शन पर ग्राहकों को 21 रुपये के न्यूनतम जमा और निकासी साथ जीएसटी देना होगा। अभी तक शुल्क 20 रुपये था। ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 5 निशुल्क लेनदेन कर सकेंगे। मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से तीन निशुल्क लेनदेन कर सकेंगे।
डाकघर में 10,000 से ज्यादा जमा पर शुल्क
डाकघर के बेसिक जमा खाते से एक महीने में चार बार से ज्यादा निकासी पर प्रति निकासी न्यूनतम 25 रुपये देने होंगे। जमा-चालू खाते से हर महीने 25,000 रुपये तक निकाल सकेंगे। इन खातों में हर माह 10,000 रुपये से ज्यादा जमा/निकासी पर न्यूनतम 25 रुपये शुल्क देना होगा।
बिना नोटिस वसूली
1 जनवरी से जीएसटी के अधिकारी गलत रिटर्न भरने वाले कारोबारियों से वसूली के लिए अब सीधे कदम उठा न्यूनतम जमा और निकासी सकेंगे। इसके लिए पहले से नोटिस देना जरूरी नहीं होगा। कारोबारी ने किसी महीने जीएसटीआर-3बी फॉर्म नहीं भरा है तो वह अगले महीने का जीएसटीआर-1फॉर्म नहीं भर सकेगा।
महंगी होंगी कारें
देश की 10 वाहन कंपनियां नए साल में अपनी कारों के अलग-अलग मॉडल की कीमतें बढ़ाने जा रही हैं। मारुति, फॉक्सवोगन और वॉल्वो की कारें 1 जनवरी, 2022 से महंगी हो जाएंगी। टाटा मोटर्स, टोयोटा, होंडा कार्स ने भी कीमतों में इजाफा करने की घोषणा की है।
ऑनलाइन खाना मंगाना महंगा
1 जनवरी से जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप से खाना मंगवाने पर कंपनियों को 5 फीसदी जीएसटी भुगतान करना होगा। यह टैक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि एप कंपनियों से वसूला जाएगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा। ऑनलाइन ऑटो बुकिंग पर जीएसटी एप आधारित कैब सेवा प्रदाता के माध्यम से बुक किए गए ऑटो के किराये पर भी 5% जीएसटी लगेगा। ऑफलाइन माध्यम से बुकिंग पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
लॉकर में छेड़छाड़ पर बैंक होंगे जिम्मेदार
लॉकर से छेड़छाड़ के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे। कर्मचारी की धोखाधड़ी, आग लगने या चोरी पर बैंक लॉकर के मौजूदा सालाना किराये का 100 गुना तक भुगतान ग्राहक को करेगा। नियम प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पर लागू नहीं है। आरबीआई ने सुरक्षित डिपॉजिट लॉकर के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है।
विस्तार
नए साल से वित्तीय लेनदेन के आठ नियमों में बदलाव हो रहा है। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। 1 जनवरी, 2022 से एटीएम और डाकघर से पैसे निकालना महंगा हो जाएगा तो कारों के दाम भी बढ़ेंगे।
एटीएम से निकासी महंगी
1 न्यूनतम जमा और निकासी जनवरी से निशुल्क एटीएम लेनदेन की सीमा खत्म होने पर किए जाने वाले हर ट्रांजेक्शन पर ग्राहकों को 21 रुपये के साथ जीएसटी देना होगा। अभी तक शुल्क 20 रुपये था। ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 5 निशुल्क लेनदेन कर सकेंगे। मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से तीन निशुल्क लेनदेन कर सकेंगे।
डाकघर में 10,000 से ज्यादा जमा पर शुल्क
डाकघर के बेसिक जमा खाते से एक महीने में चार बार से ज्यादा निकासी पर प्रति निकासी न्यूनतम 25 रुपये देने होंगे। जमा-चालू खाते से हर महीने 25,न्यूनतम जमा और निकासी 000 रुपये तक निकाल सकेंगे। इन खातों में हर माह 10,000 रुपये से ज्यादा जमा/निकासी पर न्यूनतम 25 रुपये शुल्क देना होगा।
बिना नोटिस वसूली
1 जनवरी से जीएसटी के अधिकारी गलत रिटर्न भरने वाले कारोबारियों से वसूली के लिए अब सीधे कदम उठा सकेंगे। इसके लिए न्यूनतम जमा और निकासी पहले से नोटिस देना जरूरी नहीं होगा। कारोबारी ने किसी महीने जीएसटीआर-3बी फॉर्म नहीं भरा है तो वह अगले महीने का जीएसटीआर-1फॉर्म नहीं भर सकेगा।
महंगी होंगी कारें
देश की 10 वाहन कंपनियां नए साल में अपनी कारों के अलग-अलग मॉडल की कीमतें बढ़ाने जा रही हैं। मारुति, फॉक्सवोगन और वॉल्वो की कारें 1 जनवरी, 2022 से महंगी हो जाएंगी। टाटा मोटर्स, टोयोटा, होंडा कार्स ने भी कीमतों में इजाफा करने की घोषणा की है।
ऑनलाइन खाना मंगाना महंगा
1 जनवरी से जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप से खाना मंगवाने पर कंपनियों को 5 फीसदी जीएसटी भुगतान करना होगा। यह टैक्स ग्राहकों से नहीं बल्कि एप कंपनियों से वसूला जाएगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा। ऑनलाइन ऑटो बुकिंग पर जीएसटी एप आधारित कैब सेवा प्रदाता के माध्यम से बुक किए गए ऑटो के किराये पर भी 5% जीएसटी लगेगा। ऑफलाइन माध्यम से बुकिंग पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
लॉकर में छेड़छाड़ पर बैंक होंगे जिम्मेदार
लॉकर से छेड़छाड़ के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे। कर्मचारी की धोखाधड़ी, आग लगने या चोरी पर बैंक लॉकर के मौजूदा सालाना किराये का 100 गुना तक भुगतान ग्राहक को करेगा। नियम प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पर लागू नहीं है। आरबीआई ने सुरक्षित डिपॉजिट लॉकर के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 280